‘695′ Unveils Epic 500-Year Saga Of Relentless Struggle For Ram Mandir Temple In Ayodhya
500 वर्षीय कथा हिंदू आस्था से जुड़े श्रीराम के मंदिर निर्माण के संघर्ष पर आधारित है फिल्म ‘695’
मुम्बई। एक ऐतिहासिक साक्ष्य के साथ सनातन धर्म की महत्ता एवं अयोध्या राम जन्मभूमि में श्री राम मंदिर की स्थापना को दर्शाने के प्रयास में, निर्देशक रजनीश बेरी, शदानी फिल्म्स Shadani Films के सहयोग से, लेकर आए हैं फिल्म ‘695’।
फिल्म में एक 500 वर्षीय कहानी है जो अयोध्या में राम मंदिर के ऐतिहासिक निर्माण के लिए की गई अड़ंगों से भरी है।
निर्माता श्याम चावला के नेतृत्व में, ‘695’ सिर्फ कथा नहीं है, बल्कि यह घटनाओं के गहरे अन्वेषण में बहुतायती दृष्टिकोण में गहरा है, जिन्होंने एक सदियों पुराने सपने की सच्चाई की प्राप्ति की।
इस फिल्म में अरुण गोविल, गोविंद नामदेव, मुकेश तिवारी, अशोक समर्थ, मनोज जोशी, के. के. रैना, शैलेंद्र श्रीवास्तव, दयाशंकर पांडेय, विकास महंते और गरिमा अग्रवाल ने अभिनय किया है। इस फिल्म के मीडिया कोऑर्डिनेटर सुशीलाजीत साहनी (70MM) हैं।
निर्माता के अनुसार यह फिल्म हर भारतीय के साथ समर्थन करने का वादा करती है।
मुम्बई में जुहू स्थित इस्कॉन मंदिर में ट्रेलर रिलीज के अवसर पर अपने उत्साह को व्यक्त करते हुए, अरुण गोविल ने कहा कि इस अमर कथा को पुनः आत्मसात करना एक सम्मान है जो लाखों दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। ‘695’ बस एक फिल्म नहीं है। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और श्रद्धा की जीत का उत्सव है।
फिल्म का विषय आने वाली पीढ़ी को ये बताने का प्रयास है कि किस प्रकार हिंदू आस्था केंद्रों पर आक्रांताओं ने आक्रमण किया और धर्म परिवर्तन के साथ ही अतिक्रमण किया गया।
फिर लंबे अंतराल के बाद किस प्रकार सदियों के संघर्ष उपरान्त पुनः प्राप्त किया गया है।
फिल्म में एक राजनैतिक दल एवं हिंदू संघठनो, साधु संत समाज की भूमिका को भी दर्शाया गया है
ताकि इस गौरवशाली अतीत को भुलाया ना जा सके।
फिल्म का शीर्षक इन्हीं घटनाओं की तिथियों पर आधारित है।
695 जो राम भक्तों के लिए अब पवित्र अंक माना जा सकता है।
श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को ढांचा विध्वंस,
9 नवम्बर 2019 को न्यायालय का फैसला। फिर 5 अगस्त 2020 को मंदिर का शिलन्यास।
‘695’ के साथ, निर्माताओं का लक्ष्य महाकाव्य से पीछे छुपे तथ्यों को प्रस्तुत करना है, जिससे दर्शकों को प्रभावित किया जा सके और विशेष रूप से भगवान राम और राम मंदिर के समर्थन में बुने गए श्रृंगारी सूत्रों की शोभा का उत्सव मनाया जा सके। यह सिनेमाटिक अद्भूतकला एक कथा से अधिक होने का वादा करती है।
यह केवल एक फिल्म ही नहीं अपितु एक भावनात्मक यात्रा है, सहनशीलता का उत्सव है और विश्वास की स्थायिता का साक्षात्कार है।
प्रस्तुति – संतोष साहू
500 वर्षीय कथा हिंदू आस्था से जुड़े श्रीराम के मंदिर निर्माण के संघर्ष पर आधारित है फिल्म ‘695’